
“पब्लिक टॉकिज संवाददाता”
कोण्डागांव। बीती रात करीब 2:30 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ते हुए नगर के प्रसिद्ध बंधा तालाब में जा घुसा। हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और टोल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक सीधा डिवाइडर पार कर तालाब में समा गया। सूचना मिलने के बाद भी प्रशासन और टोल प्रबंधन मौके पर नहीं पहुंचे। हादसे के बाद ट्रक मालिक ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की हेल्पलाइन 1033 पर बार-बार कॉल किया, मगर कोई मदद नहीं मिली। अंततः वाहन मालिक को निजी क्रेन बुलवाकर ट्रक बाहर निकलवाना पड़ा, जिससे उस पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि टोल टैक्स केवल वसूली के लिए नहीं, बल्कि आपात स्थिति में सुविधा और सहायता देने के लिए लिया जाता है। जब हादसे के समय न तो प्रशासन मदद को आया और न ही टोल प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, तो फिर भारी-भरकम टोल वसूली का औचित्य ही क्या है?
लोगों का आरोप है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले वाहनों से नियमों और शर्तों के तहत टोल टैक्स वसूला जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई जातीं। यह स्थिति टोल व्यवस्था और NHAI की जवाबदेही पर सीधा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि इस घटना की जांच हो और भविष्य में इस तरह की लापरवाही पर रोक लगाने के लिए टोल प्रबंधन को कड़ी जिम्मेदारी दी जाए, ताकि सड़क पर चलने वाले वाहन चालक दुर्घटना के समय असहाय न रहें।